""मैं""
"तनहा सी अपनी मेहफ़िल को भी दुल्हन सा यू सजाऊँ मैं ,,,
साँसो से कर डालूँ जफ़ाये धड़कन से दिल लगाऊ मैं ,,
बरसो से सोई अफ़वाहो को झटक्कर के उठाऊँ मै ,,
मुट्ठी मे थामुँ आस्माँ और फिर ज़मी मे दफ़नाऊ मैं ।""
"बता करके कसूर उनका सवालो मे उन्हे उल्झाऊँ मैं ,,
इश्क़ का था जो रिश्ता दुश्मनी से निभाऊँ मैं ,
बनके गल्तियाँ हज़ार खुद को सही ठ्हराउँ मै ,
करके इश्क़ अजनबी से अपनो को भी तडपाऊँ मै ।।""
"तोड़ डालू ख्वाब सारे और तेरा हो जाऊँ मैं ,,
लेट जाऊँ कब्र मे फिर साँसो को सम्झझाऊँ मै ,,
ढूँढ्कर चाबी हकि़कत खोलुँ आज पिन्जरे सारे ,,
चूमलूँ आज़ादी को फिर पागल सा हो जाऊँ मैं ।।।"""
"तूफ़ान बनके इश्क़ का चिरागो से यारी निभाऊँ मै ,,
बनके गुबार हुस्न का चारो तरफ़ फ़ैल जाऊँ मैं ,,
होते होते परेशान हकिकत खामोशी बन जाऊँ मै ,,
अन्धेरो का बनके काजल नाचूँ और इतराऊँ मै ।।""
"करके सफ़र से इश्क़ बावरा साहिल बन जाऊँ मै ,,
ले लुँ शक्ल कश्तियों की और दूर तक...
साँसो से कर डालूँ जफ़ाये धड़कन से दिल लगाऊ मैं ,,
बरसो से सोई अफ़वाहो को झटक्कर के उठाऊँ मै ,,
मुट्ठी मे थामुँ आस्माँ और फिर ज़मी मे दफ़नाऊ मैं ।""
"बता करके कसूर उनका सवालो मे उन्हे उल्झाऊँ मैं ,,
इश्क़ का था जो रिश्ता दुश्मनी से निभाऊँ मैं ,
बनके गल्तियाँ हज़ार खुद को सही ठ्हराउँ मै ,
करके इश्क़ अजनबी से अपनो को भी तडपाऊँ मै ।।""
"तोड़ डालू ख्वाब सारे और तेरा हो जाऊँ मैं ,,
लेट जाऊँ कब्र मे फिर साँसो को सम्झझाऊँ मै ,,
ढूँढ्कर चाबी हकि़कत खोलुँ आज पिन्जरे सारे ,,
चूमलूँ आज़ादी को फिर पागल सा हो जाऊँ मैं ।।।"""
"तूफ़ान बनके इश्क़ का चिरागो से यारी निभाऊँ मै ,,
बनके गुबार हुस्न का चारो तरफ़ फ़ैल जाऊँ मैं ,,
होते होते परेशान हकिकत खामोशी बन जाऊँ मै ,,
अन्धेरो का बनके काजल नाचूँ और इतराऊँ मै ।।""
"करके सफ़र से इश्क़ बावरा साहिल बन जाऊँ मै ,,
ले लुँ शक्ल कश्तियों की और दूर तक...