तुम तो वो शायरी हो.....
तुम तो वो शायरी हो
जिसे हर मंच से सुनना चाहता हूं
जिसके हर शब्द पर हक जताना चाहता हूं
जिसे हमेशा अपने होठों पर रखना चाहता हूं
जिसमें हर एक पल सुकून ढूंढना चाहता हूं
जिसे अपनी किताब के हर पन्नों पर लिखना चाहता हूं
© All Rights Reserved
जिसे हर मंच से सुनना चाहता हूं
जिसके हर शब्द पर हक जताना चाहता हूं
जिसे हमेशा अपने होठों पर रखना चाहता हूं
जिसमें हर एक पल सुकून ढूंढना चाहता हूं
जिसे अपनी किताब के हर पन्नों पर लिखना चाहता हूं
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