...

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पहले जैसी शाम
आती नहीं अब
वो पहले जैसी शाम
वो रूहानी , ना गुज़रती शाम
तेरे होने के एहसास की शाम
ना ख़त्म होने वाली बातों की शाम
महकती तेरे ज़िस्म की ख़ुशबू सी शाम

अक्सर बातें याद आती है
याद आती है वो हर शाम
ख़ालीपन दूर तक फैला होता है अब
पर अब नहीं आती वो पहले जैसी शाम
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚