...

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tera hona
गर तू ना होता तो शायद मेरा
जीने कोई मकसद
ना होता
तेरी हसी तेरी मुस्कुराहट
तेरा भोलापन तेरी नादानियां
तेरी शरारत तेरा गुस्सा
तेरा रोना
तेरी हर अदा
तेरी बोली
तेरी जिद
मेरी है अब जीने की वजह
कभी कभी तन्हाई
मै जब खुद से बाते करता हूं
तो सोचता हूं गर तू ना होता
तो शायद मेरा भी वजूद ना होता
तेरे इर्द गिर्द अब है मेरी
दुनिया
पर क्या मै
तुझे वो दुनिया दे पाउगा
जिस का तू हकदार है
खुद से जाने कितना लड़ता हूं मै
जाने कब तुझे वो सब दे पाऊ
कब तक तेरे लिए
खुद से लड़ पाऊं
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚