...

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प्यार को क़बूल कर के
मेरे प्यार को क़बूल कर के तुमने
जिन्दगी को जीना सीखा दिया है
दोस्त तुमने इस दिल को
फिर से धड़कना सीखा दिया है
मुरझा रहे थे फूल गुलाब के
तेरी हँसी ने महकना सीखा दिया है
तुमने झुका कर अपनी पलकों को
मुझे आँखों को पढ़ना सीखा दिया है
बहार बन के जिन्दगी मे आकर
तुमने सावन को बहकना सीखा दिया है
बुझ रहीं थीं चिंगारी शोलों की
तुमने फिर से धधकना सीखा दिया है
प्यार से थामकर हाथ मेरा
जिन्दगी की राहो पर चलना सीखा दिया है