...

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बारिश के बहाने
बारिश के बहाने से सही मिलने तो आ
ए रूठी हुई मंज़िल कभी मिलने तो आ

उम्मीद नहीं होगी कम ये जान ले तू
पाकर तुझे रहेंगे हम यही मान ले तू

दूर जितना होगी कोई फर्क़ नहीं पड़ता
मेहनत से करेंगे तय मिलने का रास्ता

तू हुई मगरूर तो हम भी जिद्दी हो गये
तेरी राहों से वाकिफ़ लो ख़ुद ही हो गये

तू ठहरी रहे भले अपनी जगह तनकर
हम चलते हुए आयेंगे सिर्फ़ तेरे बनकर

रहती है दिल की सदाओं में तू हमेशा
रौशन है नूर की दुआओं में तू हमेशा
NOOR E ISHAL
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