आधा सा इश्क़
चलो आज जिंदगी की नई दांस्ता का आगाज़ करते हैं,
जो बातें रह गई थी अधूरी उनको आज पूरा करते हैं,
दुनिया की बंदिशों से इस दिल को आज रिहा करते हैं,
अधूरी रह गई जो कहानी उसको आज मुकम्मल करते हैं,
कड़वाहट भरी अपनी यादों में बोली की मिठास घोलते है,
हर छोटी बात पर जो झगड़ते उसको बैठ कर सुलझाते है,
कभी शुरू हुई जो...
जो बातें रह गई थी अधूरी उनको आज पूरा करते हैं,
दुनिया की बंदिशों से इस दिल को आज रिहा करते हैं,
अधूरी रह गई जो कहानी उसको आज मुकम्मल करते हैं,
कड़वाहट भरी अपनी यादों में बोली की मिठास घोलते है,
हर छोटी बात पर जो झगड़ते उसको बैठ कर सुलझाते है,
कभी शुरू हुई जो...