...

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भूख हड़ताल
पापा !
आपको कुछ दिखाना है
पर चुपचाप ही देखना
किसी और को नहीं बताना है!

देखिए....
किसी नादान ने
एक प्यारी सी जान के पंखों को तोड़ दिया
रोते हुए उसके आंसुओं ने मेरे हाथों पर रंग छोड़ दिया।

जल्दी से उस गुनहगार को
आपने ढूंढ कर लाना है
तब तक मैंने कुछ नहीं खाना है!

बार-बार बोल अगर
किया मुझे जो परेशान
कुछ बोलूगी नहीं तो होना मत हैरान
मैं आज किसी से भी नहीं करुंगी बात
बात यही है सीधी और साफ

(कुछ देर बाद....)

भूख हड़ताल में
मेरा सारा दिन निकल गया
दोषी को खोजने का सपना
भूख की वजह से बिखर गया

पापा !ओ पापा!
आप सही थे हर बात पर इतनी ज़िद सही नहीं
मैं बड़ी हो गई हूं अब मैं छोटी बच्ची तो नहीं!

लाइए आप !
खाना साथ में हम खातेहैं
फिर दोषी को साथ ही ढूंढ लाते हैं!

© Old_Soul