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खुशियां बड़े आशियानों की मोहताज नहीं होती हैं।

मैने देखा है बंद दरवाजा लेकिन अपनी खिड़कियों से झांक कर, सामने घर छोटा और चमचमाती चांदनी कम लेकिन खिलखिलाती मुस्कुराहट की चमक ज्यादा थीं।

बेशक घर बड़ा है मेरा,और खुशियों की भी कोई कमी नही हैं , होंठो में हंसी हैं सबके लेकिन चुपके से आंखों में नमी और खुलकर अपनी मर्जी से जीने में बाधा थीं।

मैने देखा है बंद दरवाजा लेकिन खिड़कियों से झांक कर , उनके घरों में बातें कम होती थी आपस में ,लेकिन अपनी मन की बात बेझिझक बोलने की आज़ादी थीं।

बेशक घर बड़ा है मेरा और खुशियों की भी कोई कमी न थी।
आपस में हसीं ठिठोली भी ख़ूब होती थीं लेकिन अपने सपनों और व्यवसाय को अपनी मर्जी से चुनेनें में रुकावट थीं।

मैने देखा हैं बंद दरवाजा लेकिन अपनी खिड़कियों से झांक कर ,सामने घर छोटा और चमचमाती चांदनी कम लेकिन खिलखिलाती मुस्कुराहट की चमक ज्यादा थीं।

© _miss_geet@_the_brand_