...

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गरीब घर का बालक 🙂🙂
यादें उन दिनों की🙃🙃

मैंने खारे आसूं क्यों पिए वो राज बताना चाहता हूं,🙂
गरीब घर के बालक के हालात दिखाना चाहता हूं,🙂
अगर है दम छाती में सुनने की तो कुछ बात बताना चाहता हूं,🙂
सुबह घर से भूखा जाऊं टोटे खाने के होते थे,🙂
दिखने में तो ताजा हैं पर ये जख्म पुराने हो रहे थे,🙂
ब्याज भर के आधे हो गए मां की बाली गिरवी रख के काम चलाना पड़ता था,🙂
छोटा भाई फीस मांगता नशेड़ी बाप को गली में से उठा के लाना पड़ता था,🙂
मेरे टूटे सपने मेरे हाथों छूटी मेरी पढ़ाई थी,🙂
पढ़ाई का तो ये समझो हाईस्कूल मार्कशीट जिला टॉप की आई थी,🙃
मां मनरेगा में दिहाड़ी लगाती छोटी बहन करती सिलाई थी,🙂
मेरी औकात देखी तो पल्ला झाड़ा मतलाबियों के साथ यारी थी,🙃
तुम तो बरबाद हो गए अब क्या रह गया मजा लेती रिश्तेदारी थी,🙃
मुझे मुंडी नीचे करके सुननी पड़ जाती 4 लोगों ने जो बात मारी है,🙃
लेकिन हमेशा एक बात से कलेजा थामा आती सबकी बारी है,🙃
फुटपाथ पर सोया हूं वो रात दिखाना चाहता हूं,😊
बेमौसम ने जो फसल उजाड़ी वो बरसात दिखाना चाहता हूं,😔
गरीब घर के बालक के हालात दिखाना चाहता हूं।🙃

हमेशा हंसता हुआ चेहरा दिखाया है सब को,😂
जो गया छोड़ के उसको जाने दिया,🙃
रंगभूमि और कर्मभूमि दोनो के पहलवान हैं,🤼💞
बुरी से बुरी चुनौतियों को खुद से टकराने दिया।🙃



© Mayank Rav