खुद से मिला किस रोज मैं?
कभी व्यस्तता से समय निकालो,
अपने फिजूल विचारों का खून कर डालो,
आज बैठकर खुद के साथ,
कुछ बढ़िया सा लिख डालो...
*तैयारी* फिर हमारी मुलाकात की होनी चाहिए,
*तैयारी* हमारी गोष्ठियों की खुशनुमा बात की होनी चाहिए,
होनी चाहिए *तैयारी* वक्ता के उसे आवाज की,
*तैयारी* मिलन की, हाथ...
अपने फिजूल विचारों का खून कर डालो,
आज बैठकर खुद के साथ,
कुछ बढ़िया सा लिख डालो...
*तैयारी* फिर हमारी मुलाकात की होनी चाहिए,
*तैयारी* हमारी गोष्ठियों की खुशनुमा बात की होनी चाहिए,
होनी चाहिए *तैयारी* वक्ता के उसे आवाज की,
*तैयारी* मिलन की, हाथ...