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नया साल लेकर आया हैं
नया साल आकर रुका हुआ है इस साल की आखरी रात की दहलीज पर
कुछ यादें कुछ बातें कुछ वादे कुछ मुलाकातें कुछ ख्वाब ओर कुछ हकीकत आकर रूकी हुई है पलको की दहलीज पर
नया सावन नई उम्मीद आकर रूकी हुई है बादल की दहलीज पर
पुराना इश्क़ लबों पर इज़हार लिए आकर रुका हुआ है लफ्जों की दहलीज पर
हुस्न शर्म ओ हया की तहज़ीब लिए रुका हुआ है इस जहां की बंदिशों पर,
© Hems
कुछ यादें कुछ बातें कुछ वादे कुछ मुलाकातें कुछ ख्वाब ओर कुछ हकीकत आकर रूकी हुई है पलको की दहलीज पर
नया सावन नई उम्मीद आकर रूकी हुई है बादल की दहलीज पर
पुराना इश्क़ लबों पर इज़हार लिए आकर रुका हुआ है लफ्जों की दहलीज पर
हुस्न शर्म ओ हया की तहज़ीब लिए रुका हुआ है इस जहां की बंदिशों पर,
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