...

6 views

छलावा
पहना मंगलसूत्र गले मे,
हक शरीर पर जताते हो ..
मन पर हक पाने की खातिर
प्यार तुम कितना करते हो ??
©®@Devideep3612
शरीर को छूना है आसान
मन को छूना मुश्किल है ,
पागल पन की हद से ज्यादा,
किसी को चाहना होता है ।

कर ले कितना कोई जतन
मन की कोई थाह नहीं..
चाह से ज्यादा चाहे कोई,
ऐसी किसकी चाह नहीं ??
©®@Devideep3612
मसल शरीर को कहते रहते
प्यार तुम्हारा 'पाक ' है...,
दिलको क्यों फिर छू नहीं पाते...
मान लो सोच ये 'नापाक ' है ।

'हवस' प्यार का नाम कहते हो
पग पग 'दंश' तुम करते हो,
गुरुर वास्ते जीते हो तुम,
अपने गुरुर पर मरते हो ।
©®@Devideep3612
तुम क्या जानो प्यार है क्या ??
शरीर भर की गरज नहीं,
मन से मन का मिलन यहां हों
इसकी कोई 'हरज' नहीं ।

प्यार न कोई हैं छलावा,
और न कोई मेला है ,
मन से मन को बांधने वाला
ये तो प्रभु का 'कलावा' है।
©®@Devideep3612