...

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मां की लाल चुनरी

शेरावाली मैया तेरी लाल चुनरी,
मैं लेकर आई तेरे दरबार चुनरी।।
सुना है भाग्य उसके जग जाते हैं।
मैया जो तेरे दर्शन करने आते हैं।।
मैं भी आई हूं ,रोली चंदन अक्षत कुमकुम
सजा कर पूजा की थाली लाई हूं।
अड़हुल की माला बनाकर साथ लाई हूं।
मां की लाल चुनरी चांद सितारों से सजी,
लेकर सपरिवार आई हूं............!
मां बड़ी दूर से आई हूं ,
तुझ से अपने मन कि बातें कहने,हजार लाई हूं......!
सबकी सुनती हो मैया मेरी भी सुन लो ना,
अपनी भक्ति का वर मुझे वरदान स्वरूप दो ना।।
नहीं चाहिए महल अटारी, नहीं चाहिए सोना और चांदी।
एक तेरी कृपा हो जाए मैया तो जीवन ये तर जाए।।
बस श्रद्धा और भक्ति की ज्योत मन में जल जाए,
मां तुझ बिन यह सब भला कौन कर पाए...?
अपनी शरण लगा लो ,
बस एक बार बेटी का कर बुला लो..!
किरण