...

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फ़ासला
फ़ासला बढ़ता गया
मन में चक्रवात
बेमतलब की बरसात
अहसासों के बिखरते ओले
झूठ की बाढ़ में
तबाही का मंजर
मौत की बिसात पर
ज़िन्दगी से खेल
मासूमियत का ढोंग
कहीं दूर नगाड़े बजते हुए
और बेतरतीब बेमंजिल कदम
© "the dust"