...

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चल रहे है ।
चल रहे है पहुंचने के लिए,
कदम दर-दर कदम खुद को समेटे हुए होकर थकन से चूर
मालूम है रास्ता और मंजिल, और मंजिल की जरूरत भी ।
है 'सही रास्ते पर' ही,
भटकते हुए .....
चल रहे है पहुंचने के लिए,कदम दर-दर कदम खुद को समेटे हुए,
होकर थकन से चूर ।
मगर पाते है खुद को 'चलता हुए' फिर वही का वही ।
चल रहे है पहुंचने के लिए,कदम दर-दर कदम मगर सिलसिला ये खत्म होता ही नही ......
चल रहे है कदम दर-दर कदम मालूम है रास्ता और मंजिल, और मंजिल की जरूरत भी मगर पाते है खुद को 'चलता हुए' फिर वही का वही ।
© Meenakshi