...

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वैराग्य मन वैराग्य तन...
वैराग्य मन वैराग्य तन,
घुमत फिरू वन उपवन।
हर पगडंडी कहत कहानी अपनी,
व्यक्त करती व्यथा और जवानी अपनी।
दिखावे संसार के खेल अजब,
सभी हैं एक विडम्बना बड़ा गजब।
जीवन के नट खेल रुदन में हैं सब फसतें,
सत्य आखिर क्या है यह सब हैं जानते।
जीवन में...