अपने
कभी सोचता हूँ कि जब तब दु:ख नहीं आता,
अपने तभी याद आते हैं जब लोग घोर दु:ख मे होते हैं।
कभी-कभी सोचता हूँ, कि हम अपने निजी कार्यो मे इतना वयस्त रहते हैं,
कि अपनों को ही याद नहीं करते।
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अपने तभी याद आते हैं जब लोग घोर दु:ख मे होते हैं।
कभी-कभी सोचता हूँ, कि हम अपने निजी कार्यो मे इतना वयस्त रहते हैं,
कि अपनों को ही याद नहीं करते।
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