नाराज़गी.... 💔
कमरा खोला आँख भर आयी
ये जो खुशबू है ये जिस्म थी पहले,
दिल पे हाथ रखा दिल रो उठा
ये जो बात थी ये ना पहले समझ आयी,
इधर उधर देखा वो नज़र आयी,
छू कर देखा फिर लगा,
ये जो शाया अभी गया है इसमें जान आयी थी पहले,
घड़ी की और देखा रात के 3 बज गए,
ये जो नहीं सोती अब मौत आने पर भी,
उसकी गोद मैं इन्हें सकून से नींद आयी थी पहले,
फिर सोचा वो क्यूँ भायी इतनी...
ये जो खुशबू है ये जिस्म थी पहले,
दिल पे हाथ रखा दिल रो उठा
ये जो बात थी ये ना पहले समझ आयी,
इधर उधर देखा वो नज़र आयी,
छू कर देखा फिर लगा,
ये जो शाया अभी गया है इसमें जान आयी थी पहले,
घड़ी की और देखा रात के 3 बज गए,
ये जो नहीं सोती अब मौत आने पर भी,
उसकी गोद मैं इन्हें सकून से नींद आयी थी पहले,
फिर सोचा वो क्यूँ भायी इतनी...