...

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तुझ पर लिखूं
तुझ पर लिखूं

तू कहे तो तुझ पर भी कुछ लिखूं
कोई कविता या कोई ग़ज़ल लिखूं।

हमारी पहली मुलाकात याद है
तू कहे तो पहले प्यार पर लिखूं।

तू दिखती है मुझे बहुत खूबसूरत
तू कहे तो रंगीं फिजाओं पर लिखूं।

तू आई है दिल के बहुत करीब मेरे
तू कहे तो लहू से रूह पर लिखूं।

हो गई है तू मेरी ज़िंदगी में शामिल
तू कहे तो सारी कायनात पर लिखूं।

बन गई है तू सारी जिंदगी मेरी
तू ना भी कहे तो खुदा पर लिखूं।
© Dr Pawan Kumar Pokhariyal