...

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ओ अंत
ओ अंत
तेरा कभी अंत नहीं होता बचपन की ख्वाहिश से बुढ़ापे की दवाई तक तेरा कभी अंत नहीं होता, पैदा होते रोने में बुड़ा होकर कब्र तक सोने में तेरा कभी अंत नहीं होता, छोटे होके रोने से बड़े होकर रोने तक कभी अंत ना होगा, मच्छर की तरह भिन भिना से सुर में गाना गाने का कभी अंत नहीं होता।
© ketan