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हमसे क्या चाहते हो....
जब हम मिले पहली दफा,
तुमने तारीफ़े करके,
कर दिया मेरे लफ़्ज़ों को ख़फ़ा,
तब हमने उनसे पूछा,
हमसे क्या चाहते हो,
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
तुम्हे पाकर मिल गई जन्नत,
अब न रही कोई मन्नत,
जब हम मिले दूसरी बार,
फ़िर, बात रह गई अधूरी,
ना किया मैंने इकरार,
ना हुआ उनसे इंकार,
मैंने पूछा, हमसे क्या चाहते हो,
हमारा दिल बनना चाहते हो,
या धड़कनो में बस जाना चाहते हो,
के सासों में समा जाना चाहते हो,
मेरी परछाई बने रहना चाहते हो,
या बनना चाहते हो मेरा यार,
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
मैं करता हूँ आपसे सच्चा प्यार,
बन कर रहना चाहता हू, आपका दिलदार,
मैं करता हूँ, आपको दिल से मोहब्बत,
अब बस आप ही हो मेरी चाहत,
और आप ही हो मेरी इबादत........
© Kashish Chandnani
तुमने तारीफ़े करके,
कर दिया मेरे लफ़्ज़ों को ख़फ़ा,
तब हमने उनसे पूछा,
हमसे क्या चाहते हो,
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
तुम्हे पाकर मिल गई जन्नत,
अब न रही कोई मन्नत,
जब हम मिले दूसरी बार,
फ़िर, बात रह गई अधूरी,
ना किया मैंने इकरार,
ना हुआ उनसे इंकार,
मैंने पूछा, हमसे क्या चाहते हो,
हमारा दिल बनना चाहते हो,
या धड़कनो में बस जाना चाहते हो,
के सासों में समा जाना चाहते हो,
मेरी परछाई बने रहना चाहते हो,
या बनना चाहते हो मेरा यार,
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
मैं करता हूँ आपसे सच्चा प्यार,
बन कर रहना चाहता हू, आपका दिलदार,
मैं करता हूँ, आपको दिल से मोहब्बत,
अब बस आप ही हो मेरी चाहत,
और आप ही हो मेरी इबादत........
© Kashish Chandnani
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