...

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नदी और सागर
मैं वो समंदर हूं 🌱☘️🌿🌱
जिसकी गहराई कोई देख नहीं पाया

मेरी लहरों में उलझे रहे तुम
हम यूंही तन्हा बहते रहें!

ना जाने कितनी नदिया आई और समा गई
हम तो तेरे मिलने का इंतजार करते रहे.

हम खुद को समेटे चलते रहे...