मैं_रो_दूँगा
मैं बरसों से रोया नहीं हूँ,
मेरे इतना क़रीब ना आओ,
ये कांधा ज़रा हटाओ,
मैं रो दूँगा
तन्हाईओं की लत पड़ चुकी है,
लफ़्ज़ों से झगड़ा हुआ है
कोशिश भी ना करो, मुझे मत हँसाओ,
मैं रो दूँगा
अंधेरों से इश्क़ है मुझे और
तीरगी ने भी अपना लिया है...
मेरे इतना क़रीब ना आओ,
ये कांधा ज़रा हटाओ,
मैं रो दूँगा
तन्हाईओं की लत पड़ चुकी है,
लफ़्ज़ों से झगड़ा हुआ है
कोशिश भी ना करो, मुझे मत हँसाओ,
मैं रो दूँगा
अंधेरों से इश्क़ है मुझे और
तीरगी ने भी अपना लिया है...