आत्मसम्मान
बस अहम का वेहम है,
वरना कोई किसी से कम नहीं होता।
रिश्ता कितना भी गहरा क्यों ना हो,
आत्मासम्मान से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
© @kajalgupta
वरना कोई किसी से कम नहीं होता।
रिश्ता कितना भी गहरा क्यों ना हो,
आत्मासम्मान से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।
© @kajalgupta
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