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ज़रा रुको, एक बात लिखती हूं
ज़रा रुको,
एक बात लिखती हूं
कभी तन्हाईयां,
कभी मुलाकात लिखती हूं
होश नही रहा मुझे वक्त का
आज कल मैं पूरी रात लिखती हूं
जानती हूं किस्मत में तुम नही लिखे
मेहंदी से इन हाथो पर तुम्हारा नाम लिखती हूं।
❣️❣️
© aesthetic.words
एक बात लिखती हूं
कभी तन्हाईयां,
कभी मुलाकात लिखती हूं
होश नही रहा मुझे वक्त का
आज कल मैं पूरी रात लिखती हूं
जानती हूं किस्मत में तुम नही लिखे
मेहंदी से इन हाथो पर तुम्हारा नाम लिखती हूं।
❣️❣️
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