...

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मुसाफिर
मैं अंधेरों का मुसाफिर हूं
तुम मेरा चांद बन जाना
और जो डूब रही है किश्तिया बिन तूफानों के जोड़ कर किनारा ,उनका साहिल बन जाना ।
- my open diary
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