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फ़ासला न हो
दूरियाँ बेशक रहे
मगर फासला न हो
तू मुझसे मे तुझसे
कभी खफा न हो
रहे एक भाव कुरबत का
अगर मिलना न हो मुमकिन
तेरे और मेरे दर्मियाँ में
कोई दूसरा न हो
बडी किस्मत से लगता है
दिल को कोई अच्छा
तू मुझसे बेजुबां तो हो
मगर बेवफा न हो
कट जायेगी उलफत में
मेरी एक उम्र ये सारी
मेरी वजह से कोई आँसू
तेरी आँखो मे कभी न हो
मगर फासला न हो
तू मुझसे मे तुझसे
कभी खफा न हो
रहे एक भाव कुरबत का
अगर मिलना न हो मुमकिन
तेरे और मेरे दर्मियाँ में
कोई दूसरा न हो
बडी किस्मत से लगता है
दिल को कोई अच्छा
तू मुझसे बेजुबां तो हो
मगर बेवफा न हो
कट जायेगी उलफत में
मेरी एक उम्र ये सारी
मेरी वजह से कोई आँसू
तेरी आँखो मे कभी न हो
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