...

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हमारा चाँद
हमारे एक ही चांद पर,
मर मिट गए सारे तारे..!

कहाँ छुपाते हम अपने चांद को,
जब हर कोई बस उसी को निहारे,

पर हमारा चांद सलोना,
बस हमें ही प्यार से पुकारे..!

ना कोई ज़िद्द, ना कोई तकरार
उसे पाने की..
फिर भी ये दिल बस उसी की नज़र उतारे..!

सारा आसमां, हमारे चांद से जगमगाया है,
फिर क्यों घमंड करते हैं तारे..!

ऐ खुदा, तू तारों का टूटना भी कम कर दे,
कहीं ये भी खत्म ना हो जाएं सारे के सारे..!

© deep_k_lafz