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प्रभु सिमरन
घिर जाओ तुम जब चारों ओर,
टूटने सी लगे जब रिश्तों की डोर।
वही जो हमेशा थे अपने,
जब बन जाते हैं बेगाने,
तड़प उठता है तब अन्तर्मन,
रो रोकर भीग जाते हैं नयन,
ईश्वर का कर लो तब स्मरण,
कर लेंगे वे सब बाधाओं का हरण।
प्रभु सिमरन में जो रखते विश्वास,
प्रभु पूरी करते उनकी हर अरदास।
© mere alfaaz
टूटने सी लगे जब रिश्तों की डोर।
वही जो हमेशा थे अपने,
जब बन जाते हैं बेगाने,
तड़प उठता है तब अन्तर्मन,
रो रोकर भीग जाते हैं नयन,
ईश्वर का कर लो तब स्मरण,
कर लेंगे वे सब बाधाओं का हरण।
प्रभु सिमरन में जो रखते विश्वास,
प्रभु पूरी करते उनकी हर अरदास।
© mere alfaaz
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