नगण्यता
आज जीवन , है मरण कल
शोक फिर किस बात का
चल रहा अंजान डगर पर
भय न कर किसी रात का
शून्य से इस अंतरिक्ष मे...
शोक फिर किस बात का
चल रहा अंजान डगर पर
भय न कर किसी रात का
शून्य से इस अंतरिक्ष मे...