...

4 views

मेरे यारा...
तुम्हारी गोंद में मेरी कहानी मिट गई यारा,
नजारों में तुम्हारी कैद कोई नजर का प्यारा।

कहां ठहराव तुम लाये, कहां मुझको तलाशे तुम।
बड़ी खोजें तुम्हारी थी, मिले मुझको कब दुबारा।।

समंदर का सफर तेरा, किनारे मैं समाया हूं।
कहो तो डूब जाऊं मैं, मगर जीवन यहां खारा।

मिलोगे क्या कभी हमसे, खुशी जैसे मिले सबसे,
मिलन की चाह यह मेरी, छुड़ा दी है भरम सारा।

कभी पैग़ाम लाना तुम, मिलन की रात आई है।
रही यादें मिटाने को, यही बस अंतिम सहारा।

चलो अब छोड़ देता हूं, सफ़र इस जिंदगी का मैं,
बिखरना है यहां किस्मत में, हूं मैं टूटता तारा।।
© Dr.parwarish