...

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बालिका दिवस कि शुभकामनाएं
घर परिवार छोड़कर,
वो लड़की शादी करके तुम्हारे साथ आती है।

उड़ते एक रोज वहीं दूर चली जाती हैं,
घर की शांखो पे ये चिड़िया की तरह होती हैं।

हर पीड़ा मौन में रखकर,
परिवार के कुल चिराग के भांति रोशन करती हैं।

रखकर सबका ख्याल,
त्याग, बलिदान, सहनशीलता की मूरत होती हैं।

दुःख सहकर चेहरा पर मुस्कान रखने वाला,
अपने संस्कृति संस्कारों पर लांछन नहीं लगने देती हैं।

धाराओं की तरह सहती हैं कष्ट,
फिर भी बस खुशियां लुटाती हैं।

ज़ुल्म सहती हैं! क्या करें,
उसे मां की सीखाई बात जो याद आ जाती है‌।

कि बेटियां चार पहियों में आती हैं,
और चार कंधों पर ससुराल से जाती हैं।
...✍️😊❤️😊
#राष्ट्रीय_बालिका_दिवस_कि_हार्दिक_शुभकामनाए

...✍️ ऋषिकेश तिवारी