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Yeah raat,
इस रात की कश्मकश में,
कैसे खुद को संभालु में?
मेरे ख्वाबो के चढ़े नशे को,
कैसे सर से उतारू मैं?
बिखर के खुद,
कैसे इस जिंदगी को सवारू में?
मन में चल रहे इन सवालो की उलझन से,
कैसे खुद को निकालू मैं?
कम उम्र में,
अनुभव ज्यादा हो रहा है!
गमगीन है परिस्तिथिया,
अब खुद से खुद को बदलने का इरादा हो रहा है!
कैसे भी ये रात निकल जाए !!
कैसे भी ये रात निकल जाए !!
कैसे खुद को संभालु में?
मेरे ख्वाबो के चढ़े नशे को,
कैसे सर से उतारू मैं?
बिखर के खुद,
कैसे इस जिंदगी को सवारू में?
मन में चल रहे इन सवालो की उलझन से,
कैसे खुद को निकालू मैं?
कम उम्र में,
अनुभव ज्यादा हो रहा है!
गमगीन है परिस्तिथिया,
अब खुद से खुद को बदलने का इरादा हो रहा है!
कैसे भी ये रात निकल जाए !!
कैसे भी ये रात निकल जाए !!
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