अंधेरा रहने दो
अंधेरा रहने दो,
आज उजाले की जरूरत नहीं,
वो है बाहो में मेरी,
किसी आशियाने की जरूरत नहीं,
लौटा दो सब मुहाफ़िज़ मेरे,
किसी जमाने की जरूरत नहीं,
कह दो खुदा से जन्नत ना दे,
किसी बहाने की जरूरत नहीं।
© BadnaamAashiq
आज उजाले की जरूरत नहीं,
वो है बाहो में मेरी,
किसी आशियाने की जरूरत नहीं,
लौटा दो सब मुहाफ़िज़ मेरे,
किसी जमाने की जरूरत नहीं,
कह दो खुदा से जन्नत ना दे,
किसी बहाने की जरूरत नहीं।
© BadnaamAashiq
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