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दौड़ते रहना आसान नहीं होता...
🌱🌱🕊️🕊️🕊️this poem is dedicated to my big brother. who despite many difficulties didn't lose his courage and finally got the success.🕊️🕊️🌱🕊️🌱

दौड़ में अव्वल आने वाला योहीं महान नहीं होता,
कितनी मेहनत की होगी,
कितना पसीना बहाया होगा।
थका होगा, हारा होगा,
हर रोज दौड़ा है तब जाकर कहीं
दर्जा पाया है।
कुछ पाने के लिए संघर्ष तो करना पड़ता है
दौड़ते रहना आसान नही होता है।

दौड़ खत्म हो चुकी है,
कोई जीता, कोई हारा है,
कोई आधे रास्ते से लौट गया है।
मगर कितनों की नजर उस पर पड़ी है,
जो अपनी दौड़ पूरी करने में व्यस्त है।
जानते हुए भी की, अब इस दौड़ का कोई मतलब नहीं है,
फिर भी अंत तक दौड़ना चाहता है,
इसलिए की अगली बार जब वो लौटेगा,
रास्ता कितना लंबा होगा जीत का,
तूफानों से लड़ना होगा,
सामना करना होगा चुनौतियों का।

दौड़ते रहना आसान नहीं होता
पर उसे मालूम है,
हमेशा ही हार होती तो
कोशिश करते रहना,
ज़िन्दगी का पयाम नहीं होता।

©मनीषा मीना