...

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दुनियादारी
जिन खिलौनो से हम दिल बहलाया
करते थे अब वे तिथि बाहय हो चुके हैं
अब तो हमें नए खिलौने चाहिए
अब तो दिल बहलाने के लिए

हम चाँद तराो से कम पर कभी राज़ी नहीं हो पाएंगे

जहा तक़ बात दुनियादारी की हैं तो
हमने भी सीख ली हैं थोड़ी सी दुनियादारी.
अब तो बातो बातो मे हम वो भी कहजाते हैं जिन्हे कहने मे हमें पहले शर्मिंदगी महसूस होती थीं