मुसाफ़िर
कुछ लोग ना ज़िंदगी में आने ही नहीं चाहिए
ना मैं बदलता ना मेरा वक़्त
मुसाफ़िर की तरह आते है
और हम बस वहीं रह जाते है
क्या फ़र्क़ पड़ता है उन लोगो...
ना मैं बदलता ना मेरा वक़्त
मुसाफ़िर की तरह आते है
और हम बस वहीं रह जाते है
क्या फ़र्क़ पड़ता है उन लोगो...