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पराधीनता •••
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अंतरात्मा का दमन
स्वीकार कर लिया है अगर तुमने
कोई उद्धार नहीं कर सकता है तुम्हारा
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विचारों की पराधीनता
अगर आदत बन चुकी हो
तो कोई मुक्त नहीं कर सकता तुम्हें
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चुना है अगर ख़ामोश रहना
सही और गलत का भेद जानते हुए भी
कोई आवाज़ देकर जगा नहीं सकता तुम्हें
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राह में आती मुश्किलों को
मान चुके हो नियति का अंतिम फैसला अगर
कोई साथी मंज़िल पर पहुँचा नहीं सकता तुम्हें
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© संवेदना 🌼
#पुरानी_कलम
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