...

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हाँ याँ ना….
प्यार में रहने की दो ही शर्तें होती है!
जिसे अपनाना होता है,
उसकी याँ तो हाँ होती है और याँ तो ना होती है….

किसी को इज़हार करने भी दो चीज़ें होती है।
याँ तो हाँ होती है और याँ तो ना होती है….

जब कोई रूठ जाए किसी अपने से!
तो उसे मनाने में,
याँ तो हाँ होती है और याँ तो ना होती है…

और फिर जब किसी का निकाह होता है !
उसे क़बूल करने के लिए,
याँ तो हाँ होती है और याँ तो ना होती है…

किसी दोस्त की किसी ग़लतफ़हमी को मिटाना हो!
तो उसके शब्दों में,
यार तो हाँ होती है और याँ तो ना होती है…



#जलते _अक्षर
© ਜਲਦੇ_ਅੱਖਰ✍🏻