...

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मसलेहत
ये बात नही कि दिल मायूस नहीं होता
हां, अब दर्द ज्यादा महसूस नहीं होता।
ये बात नही कि अब दिल में तेरी बात नहीं होती
हां, अब खुद से खुद को मुलाकात नहीं होती।
ये बात नही कि बीते लम्हे अब याद नही करता
हां, अब वक्त तुझपे बरबाद नही करता ।
ये बात नही कि कमज़र्फ बेवफा हूं मैं
हां, आज भी तुझसे ज्यादा खुद से खफा हूं मैं।