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बेटी
जिस घर बेटी की किलकारी ना हो
आँगन नहीं महकता है
जिस घर बेटी का जन्म ना हो
वह घर सभ्य नहीं होता है
जब तक रुनझुन पायल की ना हो
सावन नहीं बरसता है
जब तक आरती बेटी से ना हो
शुभ कार्य पूरा नहीं होता है
भाई की कलाई सूनी रहती है
जब राखी बाँधने वाली बहन नहीं होती है
आँगन नहीं महकता है
जिस घर बेटी का जन्म ना हो
वह घर सभ्य नहीं होता है
जब तक रुनझुन पायल की ना हो
सावन नहीं बरसता है
जब तक आरती बेटी से ना हो
शुभ कार्य पूरा नहीं होता है
भाई की कलाई सूनी रहती है
जब राखी बाँधने वाली बहन नहीं होती है
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