अपनों की सच्चाई...........
गमों की शाम लंबी चलनी थी
सो किसी ने साथ ना निभाया
उजाले को जल्दी ढलनी थी
सो किसी ने सहारा ना दिखाया,
लहरों के संग बहनी थी
सो किसी ने जोखिम ना उठाया
सपनों के लिए जलनी थी
सो किसी ने हौसला ना बढ़ाया,
राहों में छलते जाना था
सो किसी...
सो किसी ने साथ ना निभाया
उजाले को जल्दी ढलनी थी
सो किसी ने सहारा ना दिखाया,
लहरों के संग बहनी थी
सो किसी ने जोखिम ना उठाया
सपनों के लिए जलनी थी
सो किसी ने हौसला ना बढ़ाया,
राहों में छलते जाना था
सो किसी...