...

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गर्मी की ये है ठंडक भाई
कुल्फी मलाई ले लो भाई
चवन्नी में मैं ने लगाया
अठन्नी तुम लगा दो भाई
कुल्फी मलाई

ये पिस्ता बादाम भांग का रगड़ा
रगड़ रगड़ फिर रगड़ा
खस का मिजाज अनोखा
पीकर गर्मी में
करो जी भर झगड़ा

तरबूज के रस को कसकर
बीजों को इनके मथकर
जो थोड़ी मिश्री मिलाई
सब कहते वाह क्या बात है भाई

गर्मी की ये ठंडक है भाई
पीकर मस्त हो जाओ भाई




© सुशील पवार