...

30 views

दरख़्त
जाने उस दरख़्त में भला कौन सी मायूसी थी

जो खुद को तोड़े, सुंसानियत में भी टिकी रहती थी

मिट्टी की खुरदरी ज़मीं में भी मानो, तमाशबीन ज़िन्दगी जिए बैठी थी,

उसकी...