पहली नज़्म!
तुम्हारी गोद मैं सर रखकर
सुरमई आँखों मैं झाँकते हुए,
कभी जो ख्वाब देखे थे,
उनकी ताबीर का उम्र भर इंतजार किया,
मगर...
सुरमई आँखों मैं झाँकते हुए,
कभी जो ख्वाब देखे थे,
उनकी ताबीर का उम्र भर इंतजार किया,
मगर...