...

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संग तुम्हारे💞
संग तुम्हारे सख्त वक्त भी नरम लगता है,
फूलो सा हसीं मुझे, मेरा हमदम लगता है.

उफ्फ फरिश्तों जैसी सीरत पाई है तुमने,
अब जितना भी तुम्हे चाहे कम लगता है.

एक पल की दूरी, बर्दास्त, होती नही है,
दूर रहे तुमसे तो, दिल को गम लगता है.

करीब है तुम्हारे, इश्क ए एहसास नरम,
साथ में तुम्हारे हसीं हर मौसम लगता है.

© एहसास ए मानसी