...

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#Truth_of_mothersday
वो जैसे जैसे बड़ा होता गया
अपनी माँ के खिलाफ ही खड़ा होता गया
सिखाने लगा उसी को दुनियादारी
जिसके दम पे देखी खुद दुनिया सारी
शायद कुछ जरा कमाने लगा था वो
इसलिए माँ को ही सुनाने लगा था वो
कुछ दिन बाद जब वो और लचार हुई
बेटे ने सोचा, अब ये बूढ़ा तो बेकार हुई
चलो इसे निकालने का इंतजाम करते हैं
घर से जाते जाते भी वो अपना दिल साफ कर गई
बद्दुआ भी कैसे देती वो
माँ थी, इसलिए मुस्कुराकर उसे माफ कर गई।