कर्जदार था मैं....🥺🥺✍️✍️ (गजल)
उसकी निगाहों में गुनाहगार था मैं
मैं समझता था कि समझदार था मैं
वो हकीम गैरों की दवा करता रहा
जिसके लिए वर्षों से बीमार था मैं
बस उसकी खुशी के लिए साहब
हर एक सजा पाने को तैयार था मैं
मुझे हर कदम पर दर्द...
मैं समझता था कि समझदार था मैं
वो हकीम गैरों की दवा करता रहा
जिसके लिए वर्षों से बीमार था मैं
बस उसकी खुशी के लिए साहब
हर एक सजा पाने को तैयार था मैं
मुझे हर कदम पर दर्द...