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बहाई प्रार्थना
हे ईश्वर ।
मेरी आत्मा को नवस्फूर्ति तथा प्रफुल्लता प्रदान कर।
मेरे हृदय को निर्मल कर दे।
मेरे मानस को प्रकाशित कर दे।
मैं अपने समस्त कार्यकलापों को तेरे ही कर कमलों
में समर्पित करता हूँ।
तू ही मेरा मार्गदर्शक तथा आश्रय है।
अब मैं और अधिक दुःखी और शोकाकुल नहीं रहूंगा।
अब में प्रसन्न और आनंदमय व्यक्ति बनूंगा।
हे परमेश्वर ! अब मैं चिन्तातुर नहीं रहूंगा। न ही में स्वयं को कष्टों द्वारा उत्पीडित होने दूंगा। मैं जीवन की अप्रिय वस्तुओं की ओर अपना मन नहीं लगाऊंगा। हे परमेश्वर !
तू मुझसे भी बढ़कर मेरा सखा है। हे नाथ !
मैं स्वयं को तेरे चरणों में समर्पित करता हूं।
अब्दुल बहा
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